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कड़वा है पर सत्य है, दाता कौन भिखारी कौन ?

जब हम दुखी होते हैं परेशान होते हैं तो भगवान के दरबार में जाते हैं प्रार्थना करते हैं और जो आवश्यकता है हमारी उनकी मांग करते हैं भगवान से हाथ फैलाते हैं उनके सामने पर जब हमा...

💐पंच रत्न और सर्वोषधि और सप्त धान्य💐

🌹पंचरत्न हमारे धार्मिक पूजन पाठ में और धारण करने के लिए जाने जाते हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं- सोना, हीरा, मोती, पद्मराग और नीलम ये ही पंचरत्न कहे जाते हैं। 🌹और अब हम आगे सर्व...

पंच पल्लव किसे कहते हैं।

पांच वृक्षों के पत्तों को पञ्चपल्लव कहते हैं । जो कि हमारे धार्मिक कार्यों के लिए विशेष रूप से उपयोग किए जाते हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं- 1.आम 2.पीपल 3.वरगद 4.पाखर 5.ऊमर (गूलर) इन्ही...

सप्तमृतिका किसे कहते हैं।

सात स्थानों की मिट्टी को सप्त मृतिका कहते हैं, जो हमारे धार्मिक कार्यक्रमों में उपयोगी होती है । उन स्थानों के नाम निम्नलिखित हैं- 1.गौशाला 2.घुङशाल 3.हाथीशाल 4.दो नदियों का संग...

🥀सुबह कितने बजे उठना चाहिए?🥀

सूर्योदय से आधी घड़ी पूर्व प्रातः काल उठना चाहिए। जैसे की अभी बरसात में सूर्योदय 5:58 हो रहा है। और सोमवार से 6:00 बजे होने लगेगा, तो... सुबह 5:00 या 5:30 पर जाग जाना चाहिये । किसी ने कहा कि अगर ...

इस संसार में समस्त प्राणी दुःखी है।

कोई तन दुखी कोई मन दुखी, कोई धन बिन रहत उदास। थोड़े थोड़े सब दुखी सुखी राम के दास।। संसार में जो आया है सुख-दुख हानि लाभ जीवन मरण यह सब तो साथ में चलना ही है। कोई अपने तन से दुखी ह...

अतिथि सत्कार हमारी संस्कृति में बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

अतिथि अर्थात जिसके आने की कोई तिथि निश्चित ना हो वह है अतिथि अतिथि सत्कार हम लोगों की संस्कृति में होता है आचार्य देवो भव, अतिथि देवो भव, मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, तो ये सभी हम...