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सूर्योदय से आधी घड़ी पूर्व प्रातः काल उठना चाहिए। जैसे की अभी बरसात में सूर्योदय 5:58 हो रहा है। और सोमवार से 6:00 बजे होने लगेगा, तो... सुबह 5:00 या 5:30 पर जाग जाना चाहिये ।
किसी ने कहा कि अगर सूर्योदय से पहले नहीं जागे तो क्या होगा ?
तो हमारे शास्त्र कहते हैं-
ब्राह्म मुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी।
तां करोति द्विजो मोहात् पादकृच्छ्रेण शुद्धयति ।।
(आचारेन्दु, पृ०१७ में स्मृतिरत्नावलीका वचन)
ब्राह्म मुहूर्त की निद्रा पुण्य का नाश करने वाली है।
उस समय जो शयन करता है अर्थात् सोता है , उसे इस पाप से छुटकारा पाने के लिए पादकृच्छ्र नामक ( व्रत )का प्रायश्चित करना चाहिए ।
( रोग की अवस्था में या कहीं से कोई भगवान का भजन कीर्तन करके आ रहे हैं रात्रि के जगे हुये हैं अथवा शास्त्र विहित कार्यों के कारण इस समय यदि नींद आ जाए तो उसके लिए प्रायश्चित की आवश्यकता नहीं होती ।
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