भूल गए हैं लोग मंदिरों में भगवान को कैसे प्रणाम किया जाता है ?
आजकल सभी लोग मंदिर जाते हैं,तो भगवान को घुटनों के बल धरती से सिर लगाकर प्रणाम नहीं करते। बहुत ही ऐसे कम लोग हैं, जो घुटनों के वल झुक कर अपने सिर को धरती में लगाकर भगवान को प्रणाम करते हैं, अधिकतर जैसे क्रिश्चियन अपने good को प्रणाम करते हैं, उसी तरह से बहुत से लोग मंदिर में जाकर क्रिश्चियन की भांति हाथों को चूम लेंगे भगवान के दरबार को चूम लेंगे और हाथ जोड़कर ठीक से प्रणाम भी नहीं कर पाते तो घुटने टेक कर तो प्रणाम करने की बात तो छोङ ही दो, प्रणाम अरे हमारी भारतीय संस्कृति में हाथ जोड़कर प्रणाम और घुटनों के बल सिर झुका कर प्रणाम करना, साष्टांग प्रणाम करना अर्थात उल्टे लेट जाओ हाथ फैला ओ उसको साष्टांग प्रणाम कहते हैं 6 अंगों का स्पर्श पृथ्वी पर हो उसी को साष्टांग कहते हैं। यह प्रणाम हमारी संस्कृति में सभ्यता में और पुराणों में बताए गए हैं आप सभी से आशा करता हूं कि भगवान के दरबार में जा कर के अपने हाथों को भगवान के दरबार को ना चूमें और हाथ जोड़कर भगवान को प्रणाम करें सिर झुका कर प्रणाम करें।
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